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Monday, Oct 7, 2024,

Today Special / Day Wishes / India / Madhya Pradesh / Jabalpur
World Organ Donation Day

By  AgcnneduNews... /
Tue/Aug 13, 2024, 01:28 AM - IST -126

  • भारत में अंगदान के प्रति अभी भी अनेक मिथक और अज्ञानता व्याप्त है।
  • इस दिवस का उद्देश्य इन बाधाओं को दूर कर लोगों को अंगदान के प्रति प्रोत्साहित करना है।
Jabalpur/

जबलपुर/विश्व अंगदान दिवस (World Organ Donation Day 2024) हर वर्ष 13 अगस्त को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य अंगदान के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। अंगदान एक ऐसा परोपकारी कार्य है जिससे किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके अंगों का उपयोग अन्य जरूरतमंदों के जीवन को बचाने के लिए किया जा सकता है। हृदय, किडनी, लीवर, नेत्र और अन्य अंगों का दान अनेक लोगों की जिंदगी बदल सकता है। रक्तदान के बाद अंगदान को सबसे बड़ा दान माना गया है। 

भारत में अंगदान के प्रति अभी भी अनेक मिथक और अज्ञानता व्याप्त है। इस दिवस का उद्देश्य इन बाधाओं को दूर कर लोगों को अंगदान के प्रति प्रोत्साहित करना है। सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं मिलकर विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों के माध्यम से जागरूकता फैलाती हैं। मिथक और फैक्ट्स को समझे-

  1. हर कोई अंगदान नहीं कर सकता है : कुछ खास बीमारियों, जैसे- कैंसर, किसी इन्फेक्शन और एचआईवी होने पर अंगदान नहीं किया जा सकता है।
  2. जान जाने का भी खतरा रहता है: यह एक गलतफहमी है। अंगदान करने से पहले मेडिकल एक्सपर्ट व्यक्ति कि पूरी तरह से जांच-पड़ताल करते है। उसके बाद ही ऑर्गन डोनेशन का प्रोसेस आगे बढ़ता है। हर कंडीशन में पहले अंगदान करने वाले व्यक्ति कि जान बचाने की कोशिश की जाती है। 
  3. सिर्फ हार्ट, लिवर, और किडनी ही दान कर सकते है: ये भी अंग दान से जुड़ी एक गलतफहमी है। हार्ट, लिवर, और किडनी के अलावा पेनक्रियाज, फेफड़े, छोटी व बड़ी आंत, त्वचा, हड्डी, हार्ट वाल्व और टेंडन जैसे टिश्यूज को भी दान किया जा सकता है। 
  4. अंग और टिशूज दान से शरीर खराब हो जाता है: ऑर्गन डोनेशन में जिस भी अंग को डोनेट किया जाता है, उसे एक्सपर्ट्स ऑपरेशन के जरिए सुरक्षित निकालने का काम करते है। नेत्रदान के बाद वहाँ आर्टिफिशियल आँख लगा दी जाती है और अगर हड्डियाँ डोनेट करते है, तो उस जगह रॉड दाल दिया जाता है। 
  5. अंगदान में परिवार को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है: ये बात बिलकुल गलत है। ऑर्गन डोनेट करने वाले के परिवार को इस संबंध में किसी भी तरह का अतिरिक्त खर्च नहीं उठाना पड़ता है, बल्कि ऑर्गन पाने वाला सारा खर्च वहन करता है।

अंगदान जीवन का सर्वोत्तम उपहार है। हमें आगे आकर इस नेक कार्य में योगदान देना चाहिए ताकि अनेक जिंदगियों को नया सवेरा मिल सके।

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