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Monday, Oct 7, 2024,

Today Special / Day Wishes / India / Delhi / New Delhi
World Population Day : पांच अरब दिवस

By  AgcnneduNews... /
Thu/Jul 11, 2024, 07:50 AM - IST -225

  • 11 जुलाई को "पांच अरब का दिन" के रूप में भी जाना जाता है।
  • वैश्विक जनसंख्या दिवस की स्थापना वैश्विक जनसंख्या वृद्धि से जुड़े प्रमुख मुद्दों तथा विकास एवं स्थिरता पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई थी।
New Delhi/

दिल्ली/विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिवस की स्थापना वैश्विक जनसंख्या वृद्धि से जुड़े प्रमुख मुद्दों तथा विकास एवं स्थिरता पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई थी। 

वर्ल्डोमीटर के अनुसार, वर्तमान वैश्विक जनसंख्या 8,120,886,060 रही है और यह बढ़ रही है। हाल के समय में विश्व की जनसंख्या में बड़ा बदलाव आया है। जनसंख्या को एक अरब तक पहुंचने में सदियाँ लग गई, हालांकि कुछ 100 वर्षों में ही यह 7 गुना बढ़ गई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2011 में जनसंख्या 7 अरब तक पहुंच गयी। इस तीव्र वृद्धि के कारण कई महत्वपूर्ण चुनौतियां उत्पन्न हुई है, जैसे कि संसाधनों की कमी, पर्यावरणीय क्षति, और सामाजिक-आर्थिक असमानताएं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए लोगों को परिवार नियोजन, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। विश्व जनसंख्या दिवस इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दिन, विभिन्न संगठनों और सरकारों द्वारा जनसंख्या नियंत्रण, परिवार नियोजन, महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा, और युवा पीढ़ी के सशक्तिकरण के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। परिवार नियोजन सेवाएं और महिलाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने से न केवल जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति को भी सुधारने में मदद मिलती है। जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव केवल संसाधनों पर ही नहीं, बल्कि हमारे पर्यावरण पर भी पड़ता है। बढ़ती जनसंख्या के कारण वनों की कटाई, जल संसाधनों की कमी, और प्रदूषण जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। इसलिए, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में भी कदम उठाना आवश्यक है। 

विश्व जनसंख्या दिवस का मुख्य संदेश यह है कि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना और संसाधनों का संतुलित उपयोग करना समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। यह दिन हमें सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है ताकि हम एक स्थिर और समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकें। भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश भी बन गया है। 

विश्व जनसंख्या दिवस पहली बार 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा मनाया गया था। तब से, यह दिन दुनिया भर में विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता है। 

विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास :

  • 11 जुलाई 1987 को वैश्विक जनसंख्या अनुमानतः 5 अरब तक पहुंच गई थी। इस मील के पत्थर ने विश्व भर का ध्यान आकर्षित किया तथा जनसंख्या वृद्धि के बारे में चर्चा शुरू हो गई। यही कारण है कि, 11 जुलाई को "पांच अरब का दिन" के रूप में जाना जाने लगा। इस आयोजन की रुचि ने जनसंख्या संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए एक समर्पित मंच की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। 
  • 1989 में पांच अरब जनसंख्या दिवस से प्राप्त प्रेरणा के बाद संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की शासी परिषद ने विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना की। 
  • 1990 में पहला विश्व जनसंख्या दिवस 90 से अधिक देशों में मनाया गया। 

विश्व जनसंख्या दिवस 2024 की थीम:

  • "किसी को पीछे न छोड़ें, सबकी गिनती करें" है। यह थीम यह सुनिश्चित करती है कि, संख्या में सभी का उचित प्रतिनिधित्व हो- चाहे उनकी पृष्ठभूमि, राष्ट्रियता, भूगोल या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। 

संयुक्त राष्ट्र ने उल्लेख किया है: 

विश्व जनसंख्या दिवस, जिसका उद्देश्य जनसंख्या संबंधी मुद्दों की तत्कालिकता और महत्व पर ध्यान केंद्रित करना है, की स्थापना 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की तत्कालीन शासी परिषद द्वारा की गई थी, जो 11 जुलाई 1987 को मनाए गए पांच अरब दिवस से उत्पन्न रुचि का परिणाम था। इसमें कहा गया है, दिसंबर 1990 के संकल्प 45/216 द्वारा, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पर्यावरण और विकास के साथ उनके संबंधों सहित जनसंख्या मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस मनाना जारी रखने का निर्णय लिया। 

विश्व जनसंख्या दिवस पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव का संदेश:
विश्व जनसंख्या दिवस 2024 के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव का संदेश यहां दिया गया है जो कार्रवाई का आह्वान है-

  • "इस वर्ष जनसंख्या और विकास पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ICPD) की कार्य योजना की तीसवीं वर्षगांठ है। यह वह वर्ष भी होना चाहिए जब हम अपने वादों को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रयासों और निवेश में तेजी लाने का संकल्प ले। 
  • ICPD का योजना का मुख्य उद्देश्य यह मानता है कि, महिलाओं का यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा प्रजनन अधिकार सतत विकास की आधारशिला है। 
  • इसे अपनाए जाने के बाद के दशकों में हमने प्रगति की है। पहले से कहीं अधिक महिलाओं को आधुनिक गर्भनिरोधक तक पहुंच प्राप्त हो गई है। वर्ष 2000 के बाद से मातृ मृत्यु दर में 34% की कमी आई है। महिला आंदोलन और नागरिक समाज परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण रहे हैं। लेकिन, प्रगति आसमान और अस्थिर रही है। यह बहुत ही अपमानजनक है कि, 21वीं सदी में भी प्रतिदिन लगभग 800 महिलाएं गर्भावस्था और प्रसव के दौरान अकारण ही मर जाती है। जिनमें से अधिकांश विकासशील देशों में होता है। कुछ स्थानों पर महिला जननांग विकृति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने में विधायी प्रगति के विपरीत जाने का खतरा है। 
  • जैसा कि इस वर्ष के विश्व जनसंख्या दिवस का विषय हमें याद दिलाता है, समस्याओं को समझने, समाधान तैयार करने और प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए डेटा संग्रह में निवेश करना महत्वपूर्ण है। मैं देशों से आग्रह करता हूं कि वह इस वर्ष भविष्य के शिखर सम्मेलन का अधिकतम लाभ उठाएं, ताकि सतत विकास के लिए किफायती पूंजी उपलब्ध हो सके। आइये हम सभी के लिए  हर जगह ICPD कार्य योजना को क्रियान्वित करें।"
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